कोयले की कमी के कारण भारत में बिजली कटौती | Latest News & updates on Electricity

भारत में इन दिनो एक ऐसा संकट आ गया हैं। जो कि बिलकुल ऐसा हि हमारे पड़ोसी देश चीन से मिलता जुलता दिखाई दे रहा हैं। भारत में अगले छह माह तक बिजली की किल्लत रह सकती है, जिसका बिजली के दामों पर भी असर हो सकता है।

यह तब है जबकि त्योहारी सीजन बस शुरू ही हुआ है। सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी अथॉरिटी के मुताबिक, 3 अक्टूबर को कोयले से बिजली बनाने वाले 64 प्लांट्स में चार दिन से भी कम का कोयला स्टॉक बचा था, यानी वे बिना सप्लाई मिले चार दिन तक ही बिजली बना सकते थे। हालात पिछले महीने से ही गड़बड़ हैं।

क्या है ये संकट ?

संकट यह हैं कि आने वाले दिनों में हमारे घर पर भी बिजली चली जाये। भारत में भी Electricity crisis बहुत तेजी से बढ़ रही है। जिसके कारण बिजली की संकट दरवाजे पर दस्तक दे रही हैं।

हाल ही दिन चीन में भी यह हो रखा है। चीन में हालत यह है कि लोगों को पानी गर्म करने पर भी मनाही है क्योंकि वहाँ भी कोयले का संकट आ रखा हैं।

भारत में भी चीन की तरह बिजली गुल -

हाल ही में एक न्यूज निकलकर बहार आयी कि जिसमें पता चला कि भारत में बिजली निर्माण में जो हमारी कुल स्टॉल Capacity हैं, जो हम बिजली पूरे साल भर में use करते हैं। वो है, 388 गीगावाट।

जिसके वजह से फैक्ट्री, हमारे घरों  की बिजली, वाहन जो भी चीज Use करते हैं। वो उस बिजली का प्रयोग करते  हैं।

388 गीगावाट में 208 गीगावाट ऐसा एनर्जी है जिसे हम कोयले से Produce करते हैं, यानि की उसके लिए कोयला उपयोग में लेते हैं।

यानि कि हम कुल बिजली का लगभग 50 % बिजली कोयले से उत्पन्न करते है ।

कोयले के उत्पादन में थोडी सी भी कमी आई तो बिजली चली जायेगी, क्योकि बिजली को कभी भी स्टोर नही किया जा सकता हैं।

इसे रोज Use and Produce कर सकते है।

हमारे देश में 14 days की एडवांस में कोयला रहता है, ये सरकार का नियम बना रखा हैं।

देश में 17475 मेगावाट () बिजली पैदा करने के लिए जिम्मेदार है, जो सोलर थर्मल पावर प्लांट हैं।

उन सोलर थर्मल पावर प्लांट में अब जीरो दिन का स्टॉक बचा है।

ऐसा संकट क्यो आया

क्योंकि अचानक कोरोना चला गया, बहुत सी इडस्ट्री ओपन हो गई, स्कूल , मॉल भी बहुत से लोगो ने काम स्टार्ट कर दिया, इसलिए बिजली की मांग एकदम बढ़ गई।

बिजली की डिमांड जैसे ही एकदम बड़ी, तुरन्त आवश्यकता और उसके द्धारा दी गई सप्लाई मैनेज नही हो पाई और कोयला को जला दिया गया, बिजली बना दिया गया, जिससे कोयले खत्म हो गया।

509790 मेगावाट (60 गीगावाट) पैदा करने वाले हमारे 45 थर्मल पावर ऐसे है जिनके पास 2 दिन का कोयला उत्पाद बचा है।

जीरो दिन का स्टॉक है इसका मतलब यो नही हैं कि कोयला खत्म हो गया ।

इसका मतलब की अब हमारे पास सेविंग नहीं हैं।

हम रोज कोयला मगा रहे हैं और रोज कोयला जला रहे हैं हमारी ट्रेन लगातार मेहनत करती जा रही हैं। थर्मल पावर में और बिजली बनती जा रही है हमारे पास एडवांस में कोयला नही बचा। और ट्रेन गलती से लेट हो गई तो थर्मल पावर मे पहुंचने में तथा कोयला ले जाने में फिर आपको थर्मल पावर प्लॉट को रोकना पड़ेगा।

अर्थात भारत के अन्दर अचानक जो बिजली का उत्पाद के लिए आवश्यकता बढी है उसमें हमने अपना स्टॉक  use कर लिया और मगाया नहीं, और अगर एक बार भी चेन टूट गई तो बिजली क् संकट आना सम्भावित हैं इसके लिए आप तैयार रहिये।

इसके लिए कोल कम्पनी ने एक चीज को और जिम्मेदार ठहराया है भारत सरकार ने हर घर पानी , बिजली पहुचाने मे जो प्रयास किया है इससे बिजली की डिमांड बढी है क्योंकि भारत सरकार ने जो सभी घरो में बिजली पानी पहुचाने का लक्ष्य रखा है उससे भी बिजली खपत बहुत हुई है। बाकि भविष्य आपके सामने है।

क्या असर होगा इस संकट का?

भारत के कोयला भंडार में आई कमी से यह चिंता खड़ी हुई है। इससे न केवल इकोनॉमी प्रभावित होगी, बल्कि बिजली के दाम भी बढ़ सकते हैं। क्रिसिल के इंफ्रास्ट्रक्चर अडवायजरी, प्रणव मास्टर के अनुसार कस्टमर्स को बिजली की कीमतों में बढ़ोतरी का सामना कुछ महीने बाद करना पड़ सकता है। बिजली वितरण कंपनियों को दाम बढ़ाने के लिए रेगुलेटर से मंजूरी मिल सकती है।

दुनिया में कितनी खराब है हालत?

बिजली की बढ़ती मांग से उपजा संकट भारत से बाहर भी कई देश झेल रहे हैं। मसलन, यूरोप में नेचुरल गैस के दाम इस साल की शुरुआत से अब तक 400% तक बढ़ गए हैं, वहीं बिजली के दाम 250% तक बढ़े हैं।

चीन में बिजली संकट की वजह से बीते 18 माह में पहली बार फैक्ट्री उत्पादन गिरा है। मांग बढ़ने से कोयले के दाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काफी बढ़ गए हैं।

इस कारण विदेश से कोयला खरीदने में भारत को चीन से कंपिटिशन करना पड़ रहा है जो कि कोयले का सबसे ज्यादा उपभोग करता है।

भारत कोयले के आयात, उत्पादन और उपभोग के मामले में दुनिया में दूसरे नंबर पर है। हालांकि यहां पर दुनिया के चौथे सबसे बड़े कोयला भंडार हैं, तब भी इंडोनेशिया, ऑस्ट्रेलिया, साउथ अफ्रीका से इंपोर्ट करना पड़ता है।

चीन से कोयले की भारी डिमांड के कारण इन देशों ने कोयले के दाम बढ़ा दिए हैं।

नोट :- प्यारे दोस्तो आज इस आर्टिकल में मैंने आपको   भारत में बिजली कटौती आवश्यक जानकारी दी हैं। आशा हैं कि आपको ये जानकारी पसंद आयी होगी।आपको यह जानकारी कैसी लगी प्लीज कमेंट करके बताएँ।

इस आर्टिकल को अंत तक पढ़ने के लिए धन्यवाद…

2 thoughts on “कोयले की कमी के कारण भारत में बिजली कटौती | Latest News & updates on Electricity”

Leave a Comment